Anandacha Shidha जैसे ही गणेशोत्सव नजदीक आता है, राज्य के लाखों गरीबों को ‘आनंदाचा शिधा’ किट मिलने की उम्मीद होती है। लेकिन इस बार वह उम्मीद अधूरी रहने वाली है। खुद राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री छगन भुजबळ ने स्पष्ट किया है कि इस वर्ष यह योजना नहीं लागू होगी। इसकी बड़ी वजह है – लाडकी बहन योजना पर हो रहा भारी खर्च।
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Anandacha Shidha क्या है ‘आनंदाचा शिधा’ योजना?
शुरुआत 2022 में:
Anandacha Shidha इस योजना की शुरुआत 2022 में दिवाली के अवसर पर हुई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में इसे शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य था त्योहारों के दौरान गरीबों को सस्ते दामों पर ज़रूरी सामान उपलब्ध कराना।
क्या-क्या मिलता था किट में?
सिर्फ ₹100 में मिलता था:
- 1 किलो चीनी
- 1 किलो रवा
- 1 किलो चना दाल
- 1 लीटर तेल
यह योजना गरीब राशन कार्ड धारकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हुई थी।
Anandacha Shidha इस बार शिधा क्यों नहीं मिलेगा?
छगन भुजबळ का स्पष्टीकरण:
मंत्री ने कहा कि इस योजना के लिए पहले टेंडर प्रक्रिया करनी पड़ती है, जिसमें कम से कम 2-3 महीने लगते हैं। लेकिन इस बार सरकार के पास इतना समय और संसाधन नहीं हैं। लाडकी बहन योजना की वजह से आर्थिक बोझ बहुत बढ़ गया है।
Anandacha Shidha लाडकी बहन योजना का असर:
इस योजना के लिए सरकार को लगभग ₹45,000 करोड़ की आवश्यकता है। ऐसे में बाकी योजनाओं पर खर्च कर पाना फिलहाल संभव नहीं है।
दूसरी योजनाओं पर भी असर
शिवभोजन थाली पर संकट:
- हर साल इस योजना के लिए ₹140 करोड़ की जरूरत होती है।
- लेकिन इस बार सरकार ने सिर्फ ₹20 करोड़ ही दिए हैं।
- इससे गरीबों को सस्ती थाली योजना भी अब बंद होने की कगार पर है।
Anandacha Shidha गरीबों को सीधा असर
- ₹100 में जो ज़रूरी सामान मिल रहा था, वह अब नहीं मिलेगा।
- त्योहारों का समय, खासकर गणेशोत्सव, गरीब परिवारों के लिए कठिन हो जाएगा।
- त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है।
Anandacha Shidha सरकार की स्थिति
भुजबळ ने कहा:
- सरकार राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
- लेकिन अभी उतनी आय नहीं है कि सभी योजनाएं एक साथ चलाई जा सकें।
- नई योजनाओं के लिए पुरानी योजनाओं में कटौती करना मजबूरी है।
Anandacha Shidha राजनीतिक हलचल और जनता का गुस्सा
विपक्ष का हमला:
विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह केवल वोट के लिए योजनाएं लाती है, लेकिन आम जनता को उसका कोई लाभ नहीं मिलता।
Anandacha Shidha आगे क्या?
- क्या योजना फिर शुरू होगी?
सरकार की ओर से कोई ठोस वादा नहीं किया गया है। - आशा है कि बजट में बढ़ोतरी के बाद योजना फिर से शुरू हो सके।
निष्कर्ष Anandacha Shidha
‘Anandacha Shidha आनंदाचा शिधा’ योजना गरीबों के लिए राहत देने वाली थी। लेकिन अब लाडकी बहन योजना का आर्थिक बोझ इतना बढ़ गया है कि बाकी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सरकार को संतुलन बनाकर चलना होगा, वरना गरीबों के लिए त्योहार भी अधूरे रह जाएंगे।
FAQ’s:
- ‘आनंदाचा शिधा’ योजना क्यों बंद हुई?
लाडकी बहन योजना के भारी खर्च और टेंडर प्रक्रिया में समय की कमी के कारण। - इस योजना में क्या मिलता था?
₹100 में चीनी, रवा, चना दाल और तेल – कुल चार चीजें।- Anandacha Shidhaयह योजना कब शुरू हुई थी?
2022 में दिवाली के मौके पर।
- Anandacha Shidhaयह योजना कब शुरू हुई थी?
- Anandacha Shidha क्या यह योजना फिर शुरू हो सकती है?
फिलहाल कोई वादा नहीं, भविष्य में बजट मिलने पर निर्णय होगा। - लाडकी बहन योजना का खर्च कितना है?
अनुमानित ₹45,000 करोड़। - शिवभोजन योजना पर क्या असर पड़ा है?
निधि की कमी के चलते यह योजना भी बंद होने के करीब है। - Anandacha Shidha इसका गरीबों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
त्योहारों में मदद न मिलने से आर्थिक और भावनात्मक नुकसान। - Anandacha Shidha सरकार इस स्थिति से कैसे निपटेगी?
सरकार आय बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है, लेकिन समय लगेगा। - Anandacha Shidha टेंडर प्रक्रिया क्यों जरूरी है?
शिधा सामग्री की सरकारी खरीद में पारदर्शिता और प्रक्रिया की अनिवार्यता होती है। - Anandacha Shidha जनता की प्रतिक्रिया कैसी है?
सोशल मीडिया पर नाराजगी और आलोचना – सरकार से जवाबदेही की मांग।