Farmer Loan Waiver Update महाराष्ट्र के किसानों की कर्जमाफी को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सहकारी जलसिंचन योजना कर्ज ना चुका पाने के चलते कई किसानों की जमीनें बैंकों द्वारा जप्त की जा रही हैं। अब इस संकट के समाधान के लिए सरकार पर फिर से दबाव बढ़ गया है।
किसान कर्जमाफी की मांग फिर तेज – Maharashtra Kisan Karj Mafi Update
Farmer Loan Waiver Update शेती कर्जमाफी को लेकर इस बार मामला और गंभीर हो गया है। सहकारी पाणीपुरवठा योजना और उपसा जलसिंचन योजना के तहत लिया गया कर्ज न चुका पाने पर किसानों की जमीन नीलामी में जा रही है, जिससे उनकी रोजी-रोटी ही खतरे में पड़ गई है।
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आमदार विनय कोरे का सरकार पर सवाल – Vinay Kore On Farmer Loan Waiver
8 जुलाई 2025 को विधानसभा सत्र के दौरान आमदार विनय कोरे ने कहा,
“अगर सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की थी, तो बैंकों को जप्ती की कार्रवाई क्यों करने दी जा रही है?”
उन्होंने सरकार से तुरंत कर्जमाफी योजना को लागू करने और किसानों को राहत देने की मांग की।
कर्जमाफी में क्या है अटकाव? – Karj Mafi Yojana Mein Deरी क्यों?
सहकार मंत्री बाबासाहेब पाटील ने बताया कि
- 2024 में सरकार ने 132 करोड़ की कर्जमाफी की घोषणा की थी
- अब तक केवल मूलधन माफ हुआ है, जबकि ब्याज मिलाकर कुल रक़म 352 करोड़ हो चुकी है
- इस पर निर्णय के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है
विपक्ष का आक्रोश – Kisan Karj Mafi Mein Sarkar Ki Tallatal
विरोधी पक्ष नेता नाना पटोले और जयंत पाटील ने आरोप लगाया कि
“राज्यपाल की घोषणा के बाद भी अगर सरकार कार्रवाई नहीं कर रही, तो यह किसानों के साथ धोखा है।”
उन्होंने मांग की कि कर्जमाफी में देरी ना करते हुए सीधे अमल किया जाए।
किसान जमीन जप्ती संकट – Kisanon Ki Jameen Japt Ka Sankat
कई किसानों की एकमात्र संपत्ति उनकी खेती की जमीन है। ऐसे में जप्ती की कार्रवाई उनके लिए विनाशकारी साबित हो सकती है।
कर्जमाफी की अधूरी प्रक्रिया की वजह से अब भी किसान भय और असुरक्षा में जी रहे हैं।
सरकार का आश्वासन – Sarkar Ka Ashwasan Kya Kehata Hai?
- सहकारमंत्री ने कहा, “बैंक जप्ती की कार्रवाई रोकें इसका निर्देश देंगे।”
- अर्थमंत्री अजित पवार ने भी कहा कि,
“मैं मुख्यमंत्री से बात करके जल्द हल निकालूंगा।”
हालांकि अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल की स्वीकृति पर निर्भर है।
किसानों के लिए क्या हैं समाधान? – Kisan Karj Mafi Ke Liye Sujhav
- पूर्ण कर्जमाफी – केवल मूलधन नहीं, ब्याज भी माफ हो
- कर्ज पुनर्गठन योजना – किसान को चुकौती के लिए ज्यादा समय
- टिकाऊ सिंचन प्रकल्प – उपसा जलसिंचन योजनाओं में सुधार
- शेतीतून उत्पन्न वाढवणे – टेक्नोलॉजी, मार्केट लिंक, सब्सिडी सुविधा
किसान जनजागृती जरूरी – Kisanon Ko Sangathit Hone Ki Zarurat
सरकार की अस्थिरता और बैंकों की कठोर कार्रवाई के खिलाफ किसानों को एकजुट होना होगा।
- स्थानीय ग्रामसभा
- सोशल मीडिया प्रचार
- जिलास्तरीय आंदोलन
इन सब माध्यमों से अपनी आवाज सरकार तक पहुँचानी होगी।
निष्कर्ष – Kisan Karj Mafi Ka Aakhri Sach
किसानों की कर्जमाफी अब केवल एक नीतिगत नहीं, बल्कि मानवता से जुड़ा सवाल बन चुका है।
सरकार ने अगर समय पर निर्णय नहीं लिया तो हजारों किसान जमीन और भविष्य दोनों खो सकते हैं।
FAQ’S :
सवाल: महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी कब होगी
जवाब: सरकार ने पहले ही 2024 में 261 योजनाओं के लिए ₹132 करोड़ की कर्जमाफी घोषित की थी, लेकिन अब कुल राशि ₹352 करोड़ हो चुकी है। सरकार का कहना है कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
Farmer Loan Waiver Update सवाल: किसान किन योजनाओं के कर्ज से परेशान हैं?
जवाब: खासतौर पर सहकारी पाणीपुरवठा योजना और उपसा जलसिंचन योजना के कर्ज को लेकर किसान संकट में हैं। इन कर्जों की वापसी न होने के चलते बैंकों ने जमीनें जप्त करनी शुरू कर दी हैं।
सवाल: क्या किसानों की जमीनें वाकई में जप्त हो रही हैं?
जवाब: हां, कई किसानों की जमीनें बैंकों द्वारा जप्त की जा रही हैं क्योंकि सरकार की कर्जमाफी योजना अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है।
सवाल: सरकार ने किसानों को क्या आश्वासन दिया है?
जवाब: सहकारमंत्री बाबासाहेब पाटील ने कहा है कि वह बैंकों को जमीन जप्त करने से रोकने के आदेश देंगे। साथ ही, कर्जमाफी के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी जल्द ली जाएगी।
सवाल: कर्जमाफी में देरी क्यों हो रही है?
जवाब: सरकार ने मूलधन तो माफ किया है, लेकिन ब्याज की रकम को माफ करने पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है। इसलिए फैसला अटका हुआ है।
सवाल: विपक्ष का इस पर क्या कहना है?
जवाब: विपक्ष के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि राज्यपाल की घोषणा के बाद भी सरकार टालमटोल कर रही है, और यह किसानों के साथ धोखा है।
Farmer Loan Waiver Update सवाल: किसान क्या कर सकते हैं?
जवाब: किसान संगठित होकर स्थानीय सभा, आंदोलन और सोशल मीडिया के जरिए अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं और सरकार पर दबाव बना सकते हैं।