manoj jarange patil latest news प्रस्तावना: एक ऐतिहासिक निर्णय
manoj jarange patil latest news महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए हैदराबाद गजट के आधार पर मराठा समुदाय के लोगों को कुणबी प्रमाणपत्र जारी करने का मार्ग प्रशस्त किया है। 2 सितंबर 2025 को जारी इस सरकारी संकल्प (GR) के बाद मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठा समुदाय के लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल होने का अवसर मिलेगा । यह निर्णय मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिसके कारण आंदोलनकारियों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है ।
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manoj jarange patil latest news ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मराठवाड़ा क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व महाराष्ट्र के इतिहास में अत्यंत गौरवपूर्ण रहा है। इस क्षेत्र पर सातवाहन, वाकाटक, चालुक्य और यादव जैसे शक्तिशाली राजवंशों ने शासन किया था। देवगिरि का किला इस क्षेत्र की शौर्य गाथा का मूक साक्षी बना हुआ है। 17 सितंबर 1948 को यह क्षेत्र भारत में विलीन हुआ और 1 नवंबर 1956 को द्विभाषी मुंबई प्रांत का हिस्सा बना। 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य के गठन के बाद मराठवाड़ा महाराष्ट्र का अविभाज्य अंग बन गया।
हैदराबाद गजट के ऐतिहासिक दस्तावेजों में कुणबी जाति को “कापू” नाम से जाना जाता था, जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि था। 1921 और 1931 की जनगणना रिकॉर्ड में कुणबी/कापू की नौंदी शामिल है । यह ऐतिहासिक दस्तावेज अब मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का द्वार खोल रहे हैं।
manoj jarange patil latest news जीआर की मुख्य बातें
सरकारी संकल्प (GR) के मुताबिक, हैदराबाद गजट में दर्ज नौंदी के आधार पर मराठा समुदाय के पात्र लोगों को कुणबी, कुणबी-मराठा या मराठा-कुणबी जाति का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। इसके लिए ग्राम स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे:
- ग्राम महसूल अधिकारी (प्रभारी अधिकारी)
- ग्राम पंचायत अधिकारी
- सहायक कृषि अधिकारी
इस समिति का कार्य जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए स्थानीय स्तर पर जांच करना और सक्षम प्राधिकारी को रिपोर्ट देना होगा।
manoj jarange patil latest news प्रमाणपत्र प्रक्रिया
जिन लोगों के पास जमीन के मालिकाना हक का प्रमाण नहीं है, उन्हें 13 अक्टूबर 1967 से पहले अपने या अपने पूर्वजों के स्थानीय क्षेत्र में निवास का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। इस शपथ पत्र के आधार पर सक्षम प्राधिकारी स्थानीय स्तर पर जांच करेंगे और पारदर्शी तरीके से निर्णय लेंगे।
यदि आवेदक के रिश्तेदारों या गाँव/कुल के लोगों को पहले से ही कुणबी जाति का प्रमाणपत्र मिल चुका है, और वे आवेदक के कुणबी होने का शपथ पत्र देने को तैयार हैं, तो समिति इस आधार पर सिफारिश कर सकती है ।
manoj jarange patil latest news राजनीतिक प्रतिक्रिया
मराठा आरक्षण के इस निर्णय पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं विभिन्न रही हैं। ओबीसी नेता छगन भुजबल ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि ओबीसी कोटे में किसी भी जाति को गैरकानूनी तरीके से शामिल नहीं किया जाना चाहिए । उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ओबीसी आरक्षण को नुकसान पहुँचा, तो पूरा ओबीसी समुदाय सड़कों पर उतर आएगा।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया है कि महायुति सरकार ने मराठा समाज को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं और पिछली किसी भी सरकार ने मराठा समुदाय के लिए इतना ठोस काम नहीं किया ।
भविष्य की चुनौतियाँ
हालाँकि यह निर्णय मराठा समुदाय के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, लेकिन भविष्य में कई चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं:
- कानूनी चुनौतियाँ: ओबीसी समुदाय की तरफ से इस निर्णय को अदालत में चुनौती दिए जाने की संभावना है ।
- राजनीतिक टकराव: मराठा और ओबीसी समुदाय के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है 。
- आरक्षण सीमा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% की आरक्षण सीमा को पार करने की स्थिति में यह निर्णय विवादास्पद हो सकता है 。
manoj jarange patil latest news महाराष्ट्र में वर्तमान आरक्षण संरचना
महाराष्ट्र में वर्तमान आरक्षण की स्थिति निम्नलिखित है :
श्रेणी | आरक्षण (%) |
---|---|
अनुसूचित जनजाति (ST) | 7% |
अनुसूचित जाति (SC/SC-Buddhist) | 13% |
विमुक्त जाति (VJNT-A) | 3% |
घुमंतू जनजाति 1 (NT-B) | 2.5% |
घुमंतू जनजाति 2 (NT-C) | 3.5% |
घुमंतू जनजाति 3 (NT-D) | 2% |
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) | 19% |
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) | 10% |
सामाजिक/शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग (SEBC) | 10% |
निष्कर्ष
manoj jarange patil latest news महाराष्ट्र सरकार का हैदराबाद गजट के आधार पर मराठा समुदाय को कुणबी प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इससे मराठवाड़ा क्षेत्र के हजारों लोगों को आरक्षण का लाभ मिलने की उम्मीद है। हालाँकि, इस निर्णय के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव अभी देखने बाकी हैं। ओबीसी समुदाय के विरोध और संभावित कानूनी चुनौतियों के बावजूद, मराठा समुदाय के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार में बेहतर अवसर मिल सकेंगे।
FAQ’s:
- manoj jarange patil latest news हैदराबाद गजट क्या है?
हैदराबाद गजट तत्कालीन निजाम सरकार की एक अधिसूचना है, जिसमें कुनबी (किसान जाति) को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग माना गया था । - manoj jarange patil latest news मराठा समुदाय को कुणबी प्रमाणपत्र कैसे मिलेगा?
ग्राम स्तर पर गठित समिति द्वारा जाँच के बाद सक्षम प्राधिकारी कुणबी प्रमाणपत्र जारी करेंगे। इसके लिए आवेदकों को अपने या अपने पूर्वजों के स्थानीय क्षेत्र में निवास का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। - manoj jarange patil latest news क्या यह निर्णय ओबीसी आरक्षण को प्रभावित करेगा?
ओबीसी नेता छगन भुजबल का मानना है कि इससे ओबीसी आरक्षण प्रभावित हो सकता है, जबकि सरकार का दावा है कि ओबीसी कोटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा । - manoj jarange patil latest news मनोज जरांगे की मुख्य मांगें क्या थीं?
मनोज जरांगे की मुख्य मांगें थीं: मराठाओं को कुनबी दर्जा देकर ओबीसी आरक्षण का लाभ, आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना, और प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा प्रदान करना । - manoj jarange patil latest news क्या यह निर्णय कानूनी रूप से मान्य है?
इस निर्णय को अदालत में चुनौती दिए जाने की संभावना है, क्योंकि ओबीसी समुदाय इसे गैरकानूनी मानता है ।