G-ZPPKZFFYSH Raj Thackeray : गुजरात में बाहरी के लिए जमीन बैन – महाराष्ट्र में भी चाहिए ऐसा कानून? राज ठाकरे का सवाल

Raj Thackeray : गुजरात में बाहरी के लिए जमीन बैन – महाराष्ट्र में भी चाहिए ऐसा कानून? राज ठाकरे का सवाल

Raj Thackeray रायगड में राज ठाकरे का बयान चर्चा में

Raj Thackeray महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रायगड जिले में आयोजित शेतकरी कामगार पक्ष के मेळावे (सम्मेलन) में ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में बाहरी व्यक्ति खेती की जमीन नहीं खरीद सकता, तो महाराष्ट्र में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने पर रोक क्यों नहीं है?

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“गुजरात में हिंदी है क्या?” – राज ठाकरे का तंज

राज ठाकरे ने अपने भाषण में कहा –

“मेरे पास भुसे आए थे, हिंदी के मुद्दे पर बात करने के लिए। मैंने पूछा, गुजरात में हिंदी है क्या? प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों गुजरात के हैं। अमित शाह ने खुद कहा कि वे हिंदी भाषी नहीं, गुजराती हैं। देश के गृहमंत्री ने साफ कहा कि वे गुजराती हैं। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद कई प्रोजेक्ट गुजरात चले गए – डायमंड प्रोजेक्ट भी। हर व्यक्ति को अपने राज्य से प्यार होता है, तो अगर हम अपने राज्य की बात करें तो हमें संकीर्ण क्यों कहा जाता है?”


गुजरात में जमीन खरीदने पर सख्त कानून

राज ठाकरे ने कहा –

“गुजरात में ‘Gujarat Tenancy and Agricultural Land Act’ के तहत, अगर आप गुजरात के निवासी नहीं हैं या NRI हैं, तो आप वहां खेती की जमीन नहीं खरीद सकते। अगर खरीदनी हो तो ‘FEMA’ कानून के तहत RBI से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। जिस राज्य से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री आते हैं, वहां कोई भी नागरिक बिना शर्त जमीन नहीं खरीद सकता।”


Raj Thackeray कोकण में जमीन खरीदने वालों पर सवाल

राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि उत्तरी राज्यों से कई बड़े धनवान लोग कोकण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर जमीन खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा –

“रायगड में कौन आकर जमीन खरीद रहा है, पता ही नहीं चलता। हमारे अपने लोग भी बेच रहे हैं। लोगों को समझना चाहिए कि अगर ऐसा चलता रहा, तो नुकसान हमें ही होगा।”


भाषा और जमीन – पहचान का सवाल

राज ठाकरे ने लोगों को चेतावनी दी –

“एक बार आपकी भाषा चली गई और जमीन भी चली गई, तो दुनिया में आपका कोई अस्तित्व नहीं बचेगा। हर राज्य को अपनी पहचान और संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए।”


राज ठाकरे के बयान के राजनीतिक मायने

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बयान आने वाले चुनावी माहौल में स्थानीयता और भूमि अधिकार जैसे मुद्दों को गर्म कर सकता है। यह सीधे तौर पर महाराष्ट्र में बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीदने पर नियंत्रण की मांग जैसा है।


निष्कर्ष Raj Thackeray

Raj Thackeray राज ठाकरे के इस बयान ने एक बार फिर भाषा, संस्कृति और भूमि अधिकारों पर बहस छेड़ दी है। गुजरात में लागू सख्त कानून का हवाला देकर उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर वहां बाहरी लोग खेती की जमीन नहीं खरीद सकते, तो महाराष्ट्र में भी ऐसे ही नियम क्यों नहीं बनाए जा सकते।


FAQ’s:

  1. राज ठाकरे ने क्या बयान दिया?
    उन्होंने कहा कि गुजरात में बाहरी लोग खेती की जमीन नहीं खरीद सकते, तो महाराष्ट्र में भी ऐसे नियम होने चाहिए।
  2. Raj Thackeray गुजरात में जमीन खरीदने पर रोक क्यों है?
    वहां का Gujarat Tenancy and Agricultural Land Act गैर-निवासियों को खेती की जमीन खरीदने से रोकता है।
  3. Raj Thackeray अगर कोई गुजरात में जमीन खरीदना चाहे तो क्या करना होगा?
    FEMA कानून के तहत RBI से विशेष अनुमति लेनी होगी।
  4. राज ठाकरे ने कोकण के बारे में क्या कहा?
    उन्होंने कहा कि उत्तर भारत से बड़े निवेशक कोकण में जमीनें खरीद रहे हैं।
  5. Raj Thackeray क्या महाराष्ट्र में ऐसी कोई रोक है?
    वर्तमान में महाराष्ट्र में बाहरी लोगों के लिए खेती की जमीन खरीदने पर कोई खास पाबंदी नहीं है।
  6. Raj Thackeray राज ठाकरे ने भाषा का मुद्दा क्यों उठाया?
    उनका कहना है कि भाषा और जमीन दोनों पहचान से जुड़े मुद्दे हैं।
  7. Raj Thackeray यह बयान कहां दिया गया?
    रायगड जिले में शेतकरी कामगार पक्ष के मेळावे में।
  8. क्या यह चुनावी मुद्दा बन सकता है?
    हां, स्थानीयता और भूमि अधिकार का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है।
  9. गुजरात के गृहमंत्री ने क्या कहा था?
    अमित शाह ने कहा था कि वे हिंदी भाषी नहीं, बल्कि गुजराती हैं।
  10. Raj Thackeray लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही?
    सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में इस बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है।

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