G-ZPPKZFFYSH SFI : जेएनयू में मराठी भाषा केंद्र का उद्घाटन, लेकिन छात्रों का गुस्सा फूटा – लगे 'फडणवीस गो बैक' के नारे

SFI : जेएनयू में मराठी भाषा केंद्र का उद्घाटन, लेकिन छात्रों का गुस्सा फूटा – लगे ‘फडणवीस गो बैक’ के नारे


SFI मुख्य बातें

  • जेएनयू में मराठी भाषा और सामरिक अध्ययन केंद्र का उद्घाटन
  • छात्रों का जोरदार विरोध, लगे ‘गो बैक फडणवीस’ के नारे
  • SFI छात्रों का आरोप – महायुती सरकार समाज में फैला रही है नफरत
  • पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती के बावजूद विरोध नहीं थमा
  • भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये बोले – ये छुपा अजेंडा है

SFI क्या है पूरा मामला?

SFI दिल्ली के प्रतिष्ठित जेएनयू (JNU) में एक ओर जहां मराठी भाषा, साहित्य और संस्कृति केंद्र और छत्रपती शिवाजी महाराज सामरिक अध्ययन केंद्र का उद्घाटन हुआ, वहीं दूसरी ओर छात्रों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दौरे का कड़ा विरोध किया।

छात्रों ने हाथों में डपली, बैनर लेकर ‘फडणवीस गो बैक’ के नारे लगाए। विरोध कर रहे छात्रों का कहना था कि महाराष्ट्र सरकार की नीतियाँ संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ हैं।


छात्रों ने क्यों किया विरोध?

SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) से जुड़े छात्रों ने साफ कहा –

“महाराष्ट्र सरकार जनसुरक्षा विधेयक के ज़रिए संविधान का गला घोंट रही है। हिंदी भाषा को जबरन थोपने की कोशिश हो रही है। और अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि ये सरकार शिवाजी महाराज के नाम का इस्तेमाल करके समाज में नफरत फैलाने का काम कर रही है।

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सुरक्षा के रहे भारी इंतज़ाम

फडणवीस के आगमन से पहले ही JNU में सुरक्षा को लेकर भारी बंदोबस्त किया गया था। दिल्ली पुलिस और यूनिवर्सिटी के गार्ड्स ने छात्रों को रोकने की कोशिश की, लेकिन नारों और विरोध को नहीं रोक सके।


SFI का साफ मैसेज – ‘हमें नफरत की राजनीति नहीं चाहिए’

छात्रों का कहना था कि महाराष्ट्र के नेता समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।

“शिवाजी महाराज ने सबको साथ लेकर चलने का काम किया, लेकिन ये सरकार सिर्फ समाज में फूट डाल रही है।”


जनसुरक्षा विधेयक पर भी सवाल

छात्रों के हाथ में ‘जनसुरक्षा कानून वापस लो’ जैसे पोस्टर थे। उन्होंने इस कानून को जनता की आवाज़ दबाने वाला बताया।


केशव उपाध्ये का पलटवार – ‘यह विरोध नहीं, एजेंडा है’

भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने ट्वीट करते हुए कहा कि:

“SFI का ये विरोध एक छुपा हुआ एजेंडा है। ये वही लोग हैं जिन्होंने पहले ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ जैसी नारेबाज़ी की थी।”

उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के नाम पर बन रहे केंद्र का विरोध करना ये दिखाता है कि ये लोग असली एजेंडे को छुपा रहे हैं।


JNU प्रशासन का मराठी प्रेम

इस कार्यक्रम में JNU प्रशासन ने मराठी भाषा को बढ़ावा देने की सराहना की। ‘कुसुमाग्रज मराठी केंद्र’ की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने पहले ₹2 करोड़ और अब ₹3 करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया है।


उदय सामंत का बयान – “मराठी को दुनियाभर में फैलाना चाहिए”

महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा –

“मराठी पर राजनीति न करें, इसे सात समंदर पार ले जाएं।”


निष्कर्ष SFI

जेएनयू में मराठी भाषा और सामरिक अध्ययन केंद्र का उद्घाटन भले ही एक बड़ा सांस्कृतिक कदम था, लेकिन छात्रों के भारी विरोध ने इस कार्यक्रम की दिशा ही बदल दी।
‘गो बैक फडणवीस’ के नारों से ये साफ हो गया कि आज का युवा सिर्फ भाषण नहीं, एक्शन देखना चाहता है। सरकार को अब ये समझना होगा कि विश्वविद्यालयों में सिर्फ घोषणाएं नहीं, संवाद ज़रूरी है।


FAQ’s :


Q1. SFI जेएनयू में मराठी भाषा केंद्र कब शुरू हुआ?
जुलाई 2025 में इसका उद्घाटन हुआ।

Q2. किस नेता ने मराठी केंद्र का उद्घाटन देवेंद्र फडणवीस। किया?
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस।

Q3 SFI छात्रों ने विरोध क्यों किया?
जनसुरक्षा कानून, हिंदी थोपने की नीति और शिवाजी महाराज के नाम के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ।

Q4. कौन सी छात्र यूनियन विरोध में शामिल थी?
SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया)

Q5. SFI क्या मराठी भाषा केंद्र को सरकारी फंड मिला है?
हां, कुल ₹5 करोड़ का फंड महाराष्ट्र सरकार ने दिया है।


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